एक ऐतिहासिक क्षण की गवाही :: विकुति

 


 

प्रश्न यह है कि क्या अपने उद्देश्य,

जनता को बता दे हम,

या उन्हें अटकल लगाते रहने दे,

हमारे उद्देश्य जान कर लोग सन्न रह जाएंगे,

पर यह मौन भी तो उन्हें सन्न ही किए हुए है,

मौन ही लोगों को,

संतुलन हीन बना देने को काफी है,

यह उनको हर दिशा में आशा करने देता है,

हम स्पष्ट करदे तो सकता छा जाएगा,

और वे जड़ पड़े रहेंगे,

हम अपने मन की जब करेंगे,

जो उद्देश्य  हमारे है इतने अविश्वस्नीय,

की जब हम बताते है कोई नहीं मानता,

क्षमा करे व्यर्थ की बात मै ले बैठा................

बदले में मैने वादा किया है कि बच्चे लौटा दूंगा।

(जान बूझकर मैने यह नहीं कहा कि जिंदा लौटा दूंगा)

(अमेरिकी कवि जॉन पाकर ने भारत प्रवास के दिनों में नई दिल्ली में "महामहिम" शीर्षक से एक कविता पढ़ी थी उसी का अंश)

 


 

एक बड़े चैनल की मशहूर एंकरा 9 बजे प्रातः ही संभावित ऐतिहासिक स्थल पर पहुंच गई थी। अवसर के अनुकूल श्वेत वस्त्र धारण कर रखे थे।

उसने आरंभ में ही कहा यह एक ऐतिहासिक क्षण है मैने मन ही मन कहा हम साथ साथ है। उसने आगे जारी रखा जो अभी होने वाला है वह कानून के राज का एक नया इतिहास लिखने वाला है, आप दूर सड़क पर उड़ती हुई धूल देख रहे है, यह धूल नहीं है न्याय की आंधी है। अब में दिखा रही हु जे•सी•बी की एक लंबी कतार तेजी से इधर बढ़ती आ रही है। धूल के कारण अभी यह बताना संभव नहीं हो पा रहा है कि उनकी संख्या कितनी है। अब यहां का माहौल देखिए। सब आस पास की छतों पर असंख्य नर नारी दिखाई दे रहे हैं। उनकी आंखों में एक अजीब उत्सुकता एवं उत्साह है। इधर नीचे सड़क और गलियों में भी भारी भीड़ जमा है। तभी पर्दे पर दिखता है पुलिस वाले डंडा फटकार कर सड़क पर खड़े लोगों को गलियों में खदेड़ रहे है। इस बीच जे • सी• बी का कारवां लगातार आगे बढ़ता दिख रहा है। उम्मीद है जल्दी ही आप जे • सी • बी के करतब देख पाएंगे हमारा चैनल (तुरंत) इस ऐतिहासिक क्षण का एक्सक्लूसिव प्रसारण लगातार करता रहेगा। आप दिल थाम कर बैठे रहिए कही जाइएगा मत एक छोटे ब्रेक के बाद हम शीघ्र लौटते है।

ब्रेक के बाद एंकरा लौटी और शुरू किया आप जानते है इस एतिहासिक क्षण को आप लगातार तुरंत टीवी पर देख रहे हैं, लोडर या जे • सी • बी अब किसी भी क्षण पहुंचने ने ही वाले है लेकिन उसके पहले आप एक वरिष्ठ पत्रकार का एक वायरल ट्वीट देखिए । इस ट्वीट में कहा गया है लोडरों की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए यह प्रश्न उठता है कि इनका निर्माण देश में ही होगा अथवा इन्हें इंपोर्ट किया जाएगा? आप की क्या राय है हमे जरूर बताइएगा। अरे अरे यह देखिए लोडर एकदम से आ पहुंचे है (जे • सी • बी को दिखाओ) पर्दे पर अचानक लगभग आधा दर्जन जे • सी • बी दिखाई पड़ते  हैं, सभी हांफ रहे हैं। क्या नजारा है !  इस देश का शौर्य सड़क पर क्या दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। यह दृश्य देख कर दुश्मनों की छाती फट रही है पाकिस्तान में मातम शुरू हो गया है (यह कहते कहते एंकरा कूद कर अगले लोडर पर बैठ जाती है) भारत का यह जलवा-जलाल देख कर शाबाज शरीफ और शी • जिनपिंग के पैर कांप रहे है। माथे पर पसीना आ गया है और वे हाथ जोड़ कर खड़े हो गए है। इसी लिए कहा जाता है कि फलाने है तो सब मुमकिन है। कहां है विपक्षी कहां छुप गए हैं शौर्य और पराक्रम का यह क्षण कैसे देख पाएंगे अभी अभी पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी जो अधिकतर सफेद कमीज़ और काली पैंट में है सड़क के इधर उधर खड़े हो गए है कई के हाथ में वायरलेस सेट सुशोभित है। एंकरा इनको क्लोजअप में दिखाती है, देखिए देखिए ! इनकी आंखों में कैसी चमक है, इन चेहरों पर कैसा पराक्रम का भाव है।भारत माता स्वर्ग से आशीर्वाद दे रही है। देवता खांची में फूल लिए तैयार खड़े है दुविधा में पड़े हैं कि आखिर ये फूल किस पर बरसाए पुलिस पर, प्रशासन पर या सीधे यशस्वी मुख्य मंत्री पर बरसा दे। लोडरो के ड्राइवरों के पद प्रक्षालन का कार्यक्रम भी हो जाए तो बुरा क्या है? इधर नीचे मोहल्ले की औरते सुबक रही है बार बार आंखें पोंछ रही हैं बच्चे आशंका में भयभीत खड़े है कही कोई उछल कूद नहीं है।

अचानक एंकरा बुलडोजर से कूद कर सड़क पर खड़ी हो गई फिर रिपोर्ट को आगे बढ़ाया आइए अब कुछ लोगों से बात करते है, उसने अपना माइक एक नौजवान के मुंह में ठूसते हुए कहा आप को माहौल कैसा लग रहा है नौजवान बोला “देखिए इस मोहल्ले में हम सभी लोग काम धंधे वाले लोग है मिल जुल कर रहते है यहां हिन्दू मुसलमान में कोई भेद भाव नहीं है यहां सारे फसाद की जड़ कुछ बाहरी लोग थे वे कौन थे सब जानते है” मनचाही बात न आने से एकरा झुंझला गई उसने माइक एक दूसरे व्यक्ति के मुंह पर रखा और पूछा “आप को क्या लगता है आज यहां क्या होने वाला है” वह आदमी बोला “ यह तो वह जो आए हैं वही बता सकते है यहां तो सब लोग मेहनत मजदूरी करने वाले लोग है, रेहड़ी  पटरी पर छोटी दुकानदारी वाले लोग है अब यहां जो फौज खड़ी हो गई है काम धंधा चौपट हो रहा है, आज की दिहाड़ी पर भी पानी फिर गया लगता है। हम कोई शोभा या शौर्य यात्रा निकलने वाले लोग नहीं है हमारे पास इतनी फुर्सत है कहा? हमारे पास तलवार पिस्टल गदा……

 एंकरा ने बुरा मुंह बनाया और झेप मिटाते हुए बोली अब हमे यह से हटने के लिए कहा जा रहा है उधर चलते है देखिए इधर देखिए जहां तक दिखाई पड़ रहा है, सब अवैध निर्माण है यहां पर रहने वाले ज्यादातर रोहिंग्या है, बांग्लादेशी है, इनसे क्या उम्मीद कर सकते है। ये घुसपैठिए है, ये दंगा नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। इनकी फंडिंग विदेशों से हो रही है करोड़ों रुपए अवैध रूप से आ रहे है देखिए ! आंखें खोल कर देखिए उस हरे कुर्ता वाले आदमी को देखिए यह हरा रंग क्या कहता है,अब भी सम्भल जाइए अभी मौका है। इतना कह कर एंकरा इधर उधर देखने लगी अचानक उछल कर बोली अब उस पठान सूट वाले को देखिए क्या अब भी तालिबान कनेक्शन में कोई शक है। अति उत्साह में उसने झपटकर पास खड़े एक किशोर से पूछ लिया भैया उस पठान सूट वाले को कभी इधर देखा हैं? लड़के ने लापरवाही से कहा “रोज ही देखता हु मनप्रीत भाई है छोले भटूरे की दुकान लगाते है मेरे घर से तीसरा घर उन्हीं का है। सुबह सुबह ही सत श्री अकाल होती है” प्रश्न उत्तर में मजा नहीं आने से एकरा बुरा सा मुंह बना कर दूसरी ओर बढ़ गई। एक लोडर ड्राइवर झुक कर बाहर देख रहा था । एंकरा ने एड़ी उचका कर माइक उस के सामने लगा कर पूछा “ क्या इस गुमटी को भी गिराएंगे”। ड्राइवर हंस कर बोला “साहब लोग जिस को कहेंगे उसको गिरा देंगे” “ क्या आप इस पक्के घर को भी गिरा सकते है l” “ इस लोडर में बहुत पावर हैं मैडम यह कुछ भी गिरा सकता है” एंकरा खुश हुई।

अचानक कही से इशारा हुआ और लोडरो के इंजिन घरघराने लगे। इस मादक आवाज का जादू एंकरा पर तारी होने लगा, एक बेखुदी सी छाने लगी और जैसे ही लोडर का लंबा प्रहर्षित चोचा उस अनाथ गुमटी की छत पर धड़ाम से गिरा एंकरा के गले से एक लंबी सीत्कार निकल गई।रोम रोम आह्लादित हो गया ,शरीर ऐंठने लगा। सांस तेज हो गई और चेहरे पर पसीना छलक आया। रोए खड़े हो गए और शरीर पर हल्के लाल चकत्ते उभर आए फिर मुंह से लंबी सांस निकली और शरीर पस्त हो गया, ऐसा लगा वह अशरीरी हो कर हवा में तैर रही है। लोडर ने तब तक गुमटी को चीर फाड़ डाला था और वह बेजान फुटपाथ पर बिखरी हुई थी। यही हालत एंकरा के शरीर का भी हो गया था। लोडर के चोचे दूसरी तीसरी और आगे मकानों पर गिरता गया। साथ ही एंकरा के शरीर में लहर पर लहर आती गई। मस्जिद के चबूतरे पर चोचा गिरने के साथ ही एंकरा का शरीर बिल्कुल लस्त हो गया था बेहोशी के आलम में वह फुटपाथ पर लुढ़क सी गई। यह आनंद का अतिरेक अब और संभालना उसके बस में न रहा। अब वह रासशिकत नायिका दिनों दुनिया से बेजार आनंद के सागर में गोते खा रही थी।

इधर इस नाचीज़ दुनिया में अजीब चीख पुकार मची हुई थी,औरते रोते हुए पसीने से तर-बत्तर इधर उधर भाग रही थी चीख रही थी……….। कुछ को काठ मार गया था वे इधर उधर उटपटांग बैठी , आंखें फेड आकाश देख रही थी। एंकरा के शरीर में अभी भी हल्की गुदगुदी हो रही थी कि अचानक रसभंग हुआ। लोग कह रहे थे सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया है लेकिन अभी भी पलटन रुकी नहीं थी। वह रुकी तो लेकिन मंदिर के पहले। आगे बड़ी दुविधा थी। अधिकारी लगभग संतुष्ट दिख रहे थे। लोडरों के चोचे लगभग मुरझा कर लटक गए थे।

 

         

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