एक भक्त की चिट्ठी ट्रम्प के नाम:: विकुति

 

एक भक्त की चिट्ठी ट्रम्प के नाम …

 

डिअर ट्रंप,

तुम क्या खाकर हमारे अवतारी से टक्कर लेने चले हो ? अरे, तुम्हारी राजनीति तो उस सरकारी वाई-फाई जैसी है, जो चुनाव के समय फुल स्पीड में चलता है और बाद में 404 Error हो जाता है। तुम्हें याद नहीं क्या, जब रूस-यूक्रेन युद्ध में हमारे मेडिकल छात्र फँसे थे, तब साहब ने युद्ध-विराम करवा दिया था? मतलब, एक तरफ रूस और यूक्रेन के गोले-बारूद उड़ रहे थे, और दूसरी तरफ विश्वगुरु ने अपने दिव्य प्रभाव से युद्ध को पॉज कर दिया—जैसे कोई IPL का लाइव मैच रोककर टीवी पर कुम्भ स्नान चला दे!

लेकिन फिर, साहब को एक और बड़ी चिंता हो गई—"हमारे बच्चे बाहर पढ़ने क्यों जा रहे हैं?" अरे तेल लेने गए उक्रेनी मेडिकल कॉलेज हमने रातो रात , जिला अस्पतालों को मेडिकल यूनिवर्सिटी घोषित कर दिया! इधर एक टूटी-फूटी एक्स-रे मशीन लगी, उधर मेडिकल कॉलेज का बोर्ड टांग दिया। शनैः शनैः (जो सरकारी भाषा में 'कभी ना पूरा होने' का पर्यायवाची है) इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाने का कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी नए भारत का परचम लहरा दिया गया है। निजी विश्वविद्यालय खुल रहे हैं, विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस स्थापित हो रहे हैं।

तुम्हारी औकात क्या है कि हमारे विश्वगुरु से तुलना कर सको? तुम चुनाव भी हारे, तुम पर केस भी चल रहे हैं, और न्यायालयों से फटकार भी सुन रहे हो!
हमारे यहाँ देखो—CJI से मधुर संबंध हैं, हर कोई ‘लोकतंत्र की मजबूती’ पर व्याख्यान दे रहा है, और भविष्य सुनहरा ही सुनहरा है। सत्ता की कुर्सी ऐसी कि "हमेशा के लिए सुरक्षित!"

अब सुनो, ट्रंप! तुम्हारे बाइडेन जी की दाल कहाँ गलने दी गई? जी-20 सम्मेलन में जब इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी भारत आईं, तो उनके सौंदर्य की चर्चा दिल्ली के चाय ठेलों से लेकर सोशल मीडिया के मीम तक में हुई! बाइडेन चाचा ने अपनी तरफ से डोरे डालने की पूरी कोशिश की, लेकिन विश्वगुरु ने दुनिया को दिखा दिया कि असली आकर्षण किसमें है!

अब इसमें कोई संदेह नहीं कि मेलोनी का अपने पति से तलाक हो चुका है, और वे भी साहब की तरह सिंगल  जीवन व्यतीत कर रही हैं। यह समानता यादृच्छिक है या सुनियोजित?—इतिहास इसका उत्तर भविष्य में देगा!

ट्रंप, तुम भूल गए कि तुम्हारी जीत के लिए भारत में यज्ञ-हवन तक करवा दिए थे? तुम्हें जिताने के लिए पंडितों ने ऐसा ‘महायज्ञ’ किया था कि अमेरिका में हवा तक साफ हो गई थी। जब भारत आए, तो ताजमहल से लेकर सड़क किनारे की गरीबी तक को परदे के पीछे छिपा दिया था। उस वक्त तुम बड़े ‘भाई’ थे, और अब बैकस्टैब कर रहे हो!

अब सुनो ट्रंप, तुम्हारी इतनी भी हिम्मत नहीं कि बिना वीजा अमेरिका जाने वाले भारतीयों को अपनी जेल में डाल दो! तुम भले ही उन्हें हथकड़ी लगाकर भेज रहे हो, लेकिन कम से कम ‘बाइज्जत’ वापसी तो कर रहे हो।और वो भी प्रति व्यक्ति अपने लाखों रुपये का खर्च कर के!

तो ट्रंप, तुम हमसे नहीं जीत सकते! हम भावी महाशक्ति हैं, हमारे यहाँ "इन्फ्रास्ट्रक्चर धीरे-धीरे बनेगा", "आर्थिक सुधार शनैः शनैः आएंगे"।यानि, हमारा भविष्य हमेशा संभावनाओं से भरा रहेगा!

अब सुनो ट्रम्प, तुम और चीन single AI पर इतरा रहे हो,जिस दिन हम “double AI” लांच कर देंगे होश फाख्ता हो जायेंगे। यही विश्वगुरु तुम लोगों के Open AI और deep seek को deep Sink कर देंगे। बर्बाद हो जाओगे।बस शुभ मुहूर्त की देरी है।

अब और क्या कहें, थोडा लिखना ज्यादा समझना,।सुधर जाओ !विश्वगुरु मानव नहीं महामानव हैं । पत्थर पर सर मत मारो।

 

तुम्हारा शुभेच्छु

परम भक्त (अंध )

 

 

 

 

 

 

Comments

Popular posts from this blog

आपदा गई, बिपदा आई ? :: विकुति

भूत की लँगोटी :: विकुति

मस्तिष्क में क्वांटम! चीन के वैज्ञानिकों ये क्या कर रहे हो ? ViKuTi