जैसे भतीजों के दिन बहुरे:: विकुति

देश में सर्वत्र हंसी-खुशी का माहौल था । सर्वप्रथम एक प्रदेश में एक विशेष राइफल प्राप्त हुई , इसे स्नाइपर राइफल कहा गया । इस घटना से पूरा देश हिल गया और चारों तरफ चिंता फैल गई , फिर देश के कर्ण धारों ने बड़ी-बड़ी धाराएं लगाकर उस प्रदेश को बंद कर दिया , जो की बहुत जरूरी भी था । सिपाहियों और फौजियों को छोड़कर शेष जनता अपने-अपने घरों में बैठकर आनंद उत्सव मनाने लगी। ऐसे सामूहिक अवकाश का समय कहां मिलता है ! कुछ दुराचारी किस्म के लोग या नेता भी थे , उन्हें भी जेल या घरों में बंद कर दिया गया । जब माहौल शांतिपूर्ण और कोलाहल से रहित हो गया , तो दिल्ली में थोड़ी हलचल हुई , और बरसात के एक सुहाने दिन देश की सबसे बड़ी बाधा को धीरे से खिसका दिया गया । फिर क्या था ! चारों तरफ उत्साह और उल्लास की लहर आ गई। लोग सड़कों पर आ गए उत्साह से भ रे लोग सर्वत्र जुलूस निकालने लगे , नारे ल गा ने लगे और बड़े साहब , छोटे साहब को भर भर कर बधाइयां धन्यवाद भेजने लगे । ल...