लीला -ए- मोबाइल( प्रथम अंक) ::विकुति
लीला -ए- मोबाइल( प्रथम अंक) ( एकवचन ,द्विवचन , बहुवचन) _______________________ बहुवचन-------- वह तीनों जिगरी दोस्त थे। जाब से छूटने पर ,एक चाय की दुकान पर इकट्ठा होते थे गप -शप करते थे और चाय पीकर घर चले जाते थे। एक दिन की, आंखों देखी दास्तान ,इस प्रकार है:-- तीनों नियत समय पर अड्डे पर पहुंच गए। दो मोबाइल पर बात करते-करते आए, और धप -धप कुर्सियों पर बैठ गए। तीसरा मोबाइल पर कोई नंबर लगाते हुए आया और बैठ गया। 10 मिनट तक बात करने के बाद नंबर दो की बात खत्म हुई, और उसने चाय का ऑर्डर दे दिया । नंबर 3 ने मोबाइल पर झुके झुके कहा “यहां सिग्नल बहुत पुअर होता है ,मिल ही नहीं रहा है” तब तक नंबर दो कि मोबाइल पर घंटी बजने लगी उसने झपटकर मोबाइल उठाया और बात करने लगा। नंबर एक की बात अभी जारी थी। अचानक नंबर 3 का नंबर लग गया, और वह उत्तेजित स्वर में बात करने लगा। तभी नंबर एक की कॉल खत्म हो गई, उसने मोबाइल को सहलाते हुए चारों ओर देखा और पूछा “चाय का आर्डर हो गया क्या? किसी ने जवाब नहीं दिया। उसने चाय का आर्डर दोहरा दिया ,इसी बीच उसका मोबाइल प्रकाशित हुआ और कोई छोटी धुन भी, बजी ...