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A I की गाथा फाइल में ( भाग -9 )

    [ पूर्वावलोकन - अभी तक आप ने पढ़ा है कि A I निर्माण संबंधी फ़ैक्स सन्देश प्राप्त होता है।विज्ञान विभाग के प्रमुख सचिव को फ़ैक्स की प्रति चीफ़ साहब द्वारा भेजी जाती है। निरंतर प्रयास के बाद मुख्यमंत्री जी से संक्षेप में मार्गदर्शन प्राप्त होता है कि हमारा आ I वेदों एवं संस्कृत साहित्य में उपलब्ध नैतिकता को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया जायेगा।यह ज्ञात किया जाये कि A I के विषय मे वेदों ,ऋचाओं में क्या कुछ कहा गया है। विभाग में हड़कंप मच जाता है। धड़ाधड़ बैठकों का क्रम शुरू हो जाता है। चीफ साहब भी अपने स्तर पर अति सतर्क हैं। मुख्यमंत्री जी ने इच्छा व्यक्त की थी कि एक प्रारंभिक बैठक भी करेंगे और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। बैठक के लिए सामग्री जुटाने ,स्लाइड तैयार करने ,विभिन्न यूनिवर्सिटीज से सम्पर्क कर सामग्री संचयन की कार्यवाही भी गतिमान है। गोरक्ष धाम की लाइब्रेरी में भी वेदों व अन्य ग्रंथों की उपलब्धता के लिये टीम रवाना हो चुकी है और जगतगुरु रामभद्राचार्य जी से चीफ साहब की दूरभाष पर वृहद वार्ता भी हो चुकी है। चीफ साहब मुख्यमंत्री की बैठक को लेकर थोड़ा चिंतित हैं।रह रह कर उनका...

उनकी दिनचर्या :: विकुति

          यह सर्वमान्य और सर्वविदित तथ्य है कि हम भारतीय उत्सव धर्मी लोग हैं।मूल रूप से अहिंसक भी हैं।अपनी प्राचीन परम्पराओं से अद्भुत लगाव भी है।हमारी आस्था अपरम्पार है। हमारी सभ्यता सबसे प्राचीन है।हम विश्वगुरु भी रह चुके हैं। मनुस्मृति विश्व का सबसे पहला लिखित संविधान है।हमारे वेद अपौरुषेय हैं जो ज्ञान का खजाना भी है।सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद है जिसमें गाय का उल्लेख मिलता है।गाय को 'अघन्या ' कहा गया है अर्थात गाय का वध निषिद्ध है।               अब दूसरे बिन्दु को लिया जाये तो जो लोग सामाजिक जीवन अख्तियार किये हैं ,जिनमें जनकल्याण की भावना है ,जो परोपकारी हैं ,जिन्हें सनातन का उत्थान करना है ,जिन्हें रामराज्य ले आना है वे अपने अपने घरों में एकाकी जीवन नहीं व्यतीत करते हैं।उनकी दिनचर्या आमजन से भिन्न होती है। सामाजिक जीवन को अपनाने वाले लोग विविध कार्यक्रम प्रायोजित करते हैं ,भीड़ एकत्र होती है , गण मान्य लोग आते हैं ,कैमरे वाले लोग भी होते हैं और पत्रकारों को भी आमन्त्रित किया जाता है ताकि सुन्दर सुन्दर तस्वीरें  उतारी जा ...