महा हैंड पंप का लोकार्पण :: विकुति
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आज यहां एक महा हैंडपंप का लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम इतना अधिक तकनीकी और विकासोन्मुख था, कि इसका वर्णन मुझ मूर्ख द्वारा करना संभव नहीं है, इसलिए मैं प्रधानमंत्री जी के इस अवसर पर दिए गए भाषण को यथावत उद्धारित कर रहा हूं। आशा है सुधी पाठक इस अवसर के महत्व और गरिमा को हृदयागंम कर पाएंगे ।
भाषण निम्नवत है, जो अक्षरश: उद्धारित किया जा रहा है:-
बहनों भाइयों पिछले 70 वर्षों में पिछली सरकार इस पुण्य भूमि एवं बलिदानी धरती पर एक भी महा हैंडपंप नहीं लगवा पाई। यह अत्यंत अफसोस का विषय है तथा लापरवाही की निशानी है।
हमारी सरकार ने सत्ता संभालते ही इस दिशा में कार्यवाही शुरू कर दी। आज 7 वर्षों के अथक परिश्रम का परिणाम आपके सामने है । बहनों भाइयों आज से 3 वर्ष पहले इस महा हैंड पंप परियोजना की फाइल रात को 3:00 बजे मेरे सामने प्रस्तुत हुई। बहनों भाइयों आप तो जानते ही हैं, कि मैं विकास हेतु रोज 18 घंटे लगातार कार्य करता हूं, यह फाइल जिस समय मेरे सामने आई ,मैं सोने की तैयारी कर रहा था क्योंकि 5:00 बजे से मुझे योगाभ्यास करना होता है । यह फाइल देखते ही मेरे नेत्रों से झर- झर आंसू बहने लगे, मेरे दिल से यह आवाज निकली हा! दुर्भाग्य इस पवित्र देश में आज तक एक भी महा हैंडपंप नहीं लग पाया है। धिक्कार है ! उस पिछली सरकार को। , यह कहकर मैं उस फाइल पर लगातार चिंतन मनन, करने लगा और दूसरे दिन ब्रह्म मुहूर्त में उस पर स्वीकृति दे दी।
बहनों भाइयों इस मैदान में गड़े उपकरण को देखकर आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह है क्या ?तो मैं आपको संक्षेप में समझाता हूं कि यह क्या है? बहनों भाईयों यह एक हैंड पंप ही है, किंतु यह “महा” है। यह भी पानी ही देता है किंतु यह डिजिटल हैंड पंप है ,जिसमें बहुत सारी खूबियां हैं ,जिनको मैं एक-एक कर बताता हूं । यह डिजिटल भारत महा परियोजना का हिस्सा है। यह हमारे डिजिटल भारत के सपने का प्रथम चरण है।
इसकी पहली खूबी यह है कि इससे कई तरह का पानी प्राप्त होता है । पहला पानी वह होता है जो विटामिन और मिनरल से युक्त शुद्ध जल होता है ,दूसरे पानी मे मिनरल, विटामिन नही होतै हैं, किंतु यह भी शुद्ध जल होता है ,इसे सामान्य जल कहते हैं ।,किंतु यह भी मानव प्रयोग के लिए सर्वथा अनुकूल है ।
तीसरा पानी बहनो और भाईयों पशु जल है जो पशुओं अर्थात गाय, बैल ,भैंस ,ऊंट, बकरी आदि के पीने के काम आता है, किंतु इस जल का प्रयोग वन्य जीव, अर्थात जो जीव, “वन्य जीव अधिनियम” ,की परिशिष्ट– एक में सम्मिलित हैं, के द्वारा नहीं किया जाएगा।
चौथा जल बहनों भाइयों टॉयलेट जल है जिसे शौच आदि के लिए प्रयोग किया जाएगा। बहनों भाइयों जल का यह वर्गीकरण जल संरक्षण की दृष्टि से किया गया है।
प्रथम प्रकार का जल बीमारों, बच्चों और वृद्धो के उपयोग के लिए है ,।इस जल में प्रचुर मात्रा में खनिज, लवण तथा , विटामिन हैं । इसका उपयोग करने वाले को किसी खाद्य या विटामिन सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं होगी, वे स्वत: स्वस्थ रहेंगे ।
अन्य प्रकार के जलों का उपयोग उनके नाम से ही स्पष्ट है यहां मैं यह बताना भी जरूरी समझता हूं की जो जल जिसके लिए निर्धारित है ,उससे भिन्न वर्ग के द्वारा उसका इस्तेमाल करना विधिक रूप से दंडनीय होगा । उदाहरण के लिए यदि कोई मानव , पशु जल को पी ले, तो वह “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम “की धाराओं के अंतर्गत कठोर दंड का भागी होगा ,इसलिए बहनों और भाइयों अपनी-अपनी श्रेणी का जल ही इस्तेमाल करें, और देश के विकास में अपना योगदान करें।
बहनो,भाइयों अब मैं इस महा हैंड पंप की प्रयोग विधि के बारे में कुछ मुख्य- मुख्य बातों को संक्षेप में बताऊंगा।
कृपया इस पर विशेष ध्यान दीजिएगा, यह आपका महा हैंड पंप एक अत्यंत उन्नत तथा बहु उपयोगी उपकरण है ,जो पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड है ,इसका केंद्रीय कंट्रोल रूम यहां से 300 किलोमीटर दूर दक्षिण में है। पूर्णत: कंप्यूटराइज्ड होने के कारण इसका उपयोग अत्यंत सरल है । इसके प्रयोग में आपके हाथ की कोई जरूरत ही नहीं है ,केवल आपकी उंगलियां सब कुछ करने में सक्षम है। उपस्थित बहनों भाइयों क्या आपके पास मोबाइल फोन है? (सभी लोगों ने हाथ में मोबाइल लहरा कर जोरदार हुंकार भरी प्रधानमंत्री जी बेहद प्रसन्न हुए) ।
बहनों भाइयों आपके मोबाइल प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया कि यह महान देश डिजिटल क्षेत्र में कितनी उन्नति कर चुका है आज मेरी छाती गर्व से चौड़ी हो गई है । यदि भारत की जनता के बीच उपलब्ध मोबाइलों की एक गठरी बनाई जाए तो वह गठरी अमेरिका की गठरी से भी काफी बड़ी होगी । आप सभी मोबाइल धारकों पर मुझे गर्व है। मैं भारत के इन सपूतों को नमन करता हूं। तो बहनो भाइयों बस इस मोबाइल से ही आप जल प्राप्त कर सकते हैं । इसमें किसी प्रकार की जटिलता नहीं है । आप सबसे पहले, अपने महा हैंडपंप पर बड़े अक्षरों में लिखा नंबर मिलाइए । नंबर मिलते ही एक प्रश्नावली स्क्रीन पर आएगी जिसमें यह सूचनाएं देनी होगी:-
एक - नाम?
दो - पता?
तीन-पिता का नाम?
चार - उनका पता?
पांच - आधार नंबर?
छ:- पैन नंबर?
सात-, वोटर कार्ड नंबर?
आठ- कोई वाहन हो तो उसका नंबर?
इन सूचनाओं को देने के बाद आपका वॉटर डिमांड का पहला चरण पूरा होता है । दूसरे चरण में आपसे निम्नलिखित प्रश्न पूछे जाएंगे:-
1- क्या आप वास्तव में भारतीय नागरिक हैं?
2- क्या किसी आतंकी संगठन से आपका संबंध रहा है?
3- आपका व्यवसाय?
4- यदि खेती है तो खतौनी का नंबर?
5- यदि नौकरी है तो पे स्लिप?
6- यदि व्यवसाय है तो फर्म या दुकान का पंजीकरण संख्या?
इन छह आसान सवालों के संतोष जनक उत्तर के पश्चात आपका वॉटर डिमांड का दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न होता है । अब मात्र एक ही आसान चक्र पूरा करना है जिसमें यह प्रश्न होंगे:-
1- आपको किस प्रकार के जल की आवश्यकता है ?
2- आपको कितने जल की आवश्यकता है?
3- यहां यह बता दूं की योजना के प्रथम चरण में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन किसी भी प्रकार का साढे सात लीटर जल ही देय होगा।
3- आपको जल कब चाहिए?
ज्ञातव्य है कि जल की अग्रिम बुकिंग एक हफ्ते पूर्व भी कराई जा सकती है।
4- क्या आपने जल - शुल्क का भुगतान कर दिया है?
बहनों भाइयों अभी परियोजना के प्रथम चरण में परियोजना के विभिन्न व्ययों को वहन करने के लिए वितरण किए जाने वाले जल पर नाम मात्र का शुल्क निर्धारित किया गया है, इस पर शासकीय सब्सिडी भी देय है । इन शुल्कों के भुगतान की व्यवस्था अतिसरल है, यह भुगतान केवल ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे ,जिससे किसी प्रकार के भ्रष्टाचार की संभावना न रहे। जल सब्सिडी की धनराशि सीधा आपके जनधन खाते में प्रेषित कर दी जाएगी।
उपरोक्त प्रक्रिया पुरी हो जाने के बाद केवल एक ही प्रश्न रह जाता है जो इस प्रकार है:-
“पानी की आपूर्ति आप बाल्टी में लेंगे या परियोजना द्वारा उपलब्ध कराए गए प्लास्टिक की बोतल में,” ?
इस प्रश्न के उत्तर के बाद 2 मिनट के अंदर केंद्र से प्रक्रिया पूरी होने की सूचना प्राप्त होगी, जिसके 5 मिनट के अंदर आपको पानी मिलेगा। 5 मिनट में पानी नहीं मिलने पर आप परियोजना निदेशक से शिकायत करने को स्वतंत्र होंगे। परियोजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पानी प्राप्त होने की बाद अपनी संतुष्टि के लिए आप दो कारवाइयां कर सकते हैं। यदि आपको पानी की गुणवत्ता पर किसी प्रकार की शंका हो तो आप “भ्रष्टाचार” निरोधक केंद्र संख्या -एक” पर जाकर गुणवत्ता की जांच करा सकते हैं ,तथा यदि आपको घटतौली की आशंका हो तो आप” भ्रष्टाचार निरोध केंद्र संख्या -दो” पर जा सकते हैं । किसी भी केंद्र पर आशंका की पुष्टि होने पर आप सीधे परियोजना निदेशक से शिकायत कर सकते हैं, जिसकी ऑनलाइन व्यवस्था है। इस प्रकार भाइयों बहनों यह इस देश की पहली भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी परियोजना है ,तथा सतयुग की ओर यह हमारा पहला कदम है।
भाइयों बहनों समय कम है फिर भी मैं अत्यंत संक्षेप में इस परियोजना की आर्थिक पक्ष की ओर भी आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा। यह जमीन जिस पर ,मैं आपसे मुखातिब हूं तथा यह महा हैंडपंप खड़ा है, की कीमत आज रात 12:00 बजे से 25 गुना बढ़ जाएगी। आप सोचेंगे क्यों? तो उसका उत्तर है कि यहां एक बाजार विकसित होगा, जिसमें विभिन्न प्रकार की दुकाने होगी जैसे जलेबी की दुकान, खस्ते की दुकान ,चाय की दुकान तथा अन्य भी विभिन्न प्रकार की दुकानें,।सज्जनों जरा उस दिन की कल्पना कीजिए जब आपने सामने दुकान से 100 ग्राम जलेबी ली, उसको आराम से खाया, दुकान से बाहर निकले, और आर्डर कर 500 एम एल शुद्ध जल पी लिया। यही कपड़े के बारे में भी हो सकता है, आपने जल लेकर स्नान किया ,और सामने दुकान में जाकर मैं नए वस्त्र धारण कर लिए। कितनी सुविधा होगी आप अभी सोच भी नहीं सकते।
इसके अलावा हमारी बात तीन विदेशी कंपनियों से भी चल रही है, जो इस महा हैंड पंप के किनारे के सुखद वातावरण में साइबर उद्योग लगाना चाहती हैं। इस संबंध में एम ओ यू पर , शीघ्र ही हस्ताक्षर होने वाले हैं। इस प्रकार भाइयों एवं बहनों यह सब तो योजना के प्रत्यक्ष लाभ हैं अब मैं अत्यंत संक्षेप इसके अप्रत्यक्ष लाभों की भी चर्चा करूंगा । आप सब जानते हैं बूंद बूंद से सागर भरता है ,यहां पर जब दिन रात जल वितरण होगा ,तो कुछ ना कुछ बूदें फालतू गिरती ही रहेगी, जिससे सागर नहीं तो तालाब अवश्य बन जाएगा, । इस जल में मत्स्य पालन की योजना है, जिसे एक चीनी कंपनी के सहयोग से चलाया जाएगा। इसके , अतिरिक्त इस जल के उपयोग से एक विद्युत उत्पादन संयंत्र भी लगाने की योजना है , जो नार्वे की एक कंपनी लगाएगी, इसके संबंध में दोनों पक्षों की ओर से एम ओ यू पर दस्तखत हो चुके हैं ।
अब आपका बहुत समय न लेते हुए इस महा हैंड पंप परियोजना के प्रशासनिक संगठन की भी थोड़ी चर्चा करना चाहूंगा । इस परियोजना के निदेशक भारतीय प्रशासनिक सेवा का एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिनके अधीन 12 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक क्षेत्र में एक एक अतिरिक्त निदेशक तैनात हैं, जिनके अधीन 66 वैज्ञानिक अधिकारी तैनात हैं। हर एक जल वितरण केंद्र पर शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से एक-एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी भी तैनात किया गया है ,जिसके अधीन 12 -12 जल सेना के जवान तैनात हैं। प्रत्येक जल केंद्र पर तीन-तीन ऑपरेटर की नियुक्ति है ,जिससे 24 घंटे जल , आपूर्ति हो सके। बहनों भाइयों इतनी सुविधा के बदले आपके हित में एक प्रतिबंध भी लगाया गया है। प्रत्येक महा हैंडपंप परियोजना कमांड क्षेत्र का कोई भी निवासी महा हैंड पंप के जल के अतिरिक्त किसी अन्य जल का प्रयोग नहीं कर सकेगा । यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उसे जुर्माना देना होगा जो रुपया 500 से अधिक नहीं होगा। इसके अलावा जल सेना को किसी भी वक्त आपके घर में उपलब्ध जल के जांच का अधिकार होगा ,जिससे सुनिश्चित किया जा सके ,कि आप महा हैंड पंप के अलावा किसी अन्य जल का प्रयोग तो नहीं कर रहे हैं?
अंत में मैं आपसे एक विशेष अनुरोध करना चाहूंगा यह महा हैंडपंप पहला है, इसलिए आरंभ में जल के लिए यहां भारी भीड़ हो सकती है, जिससे आपको असुविधा भी होगी, किंतु मैं आपसे यह विनम्र अनुरोध करूंगा कि आप देश के विकास के हित में मात्र 50 दिन यह कष्ट उठाइए ,आपका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा । मात्र 50 दिन की बात है 50 दिन में देश में सात हैंड पंप और लग जाएंगे तब भीड़ की समस्या नहीं रहेगी । मैं आपसे सिर्फ 50 दिन की कुर्बानी का अनुरोध कर रहा हूं । आशा है इस महान देश के हित में आप यह कष्ट जरूर उठाएंगे।
अब मैं आपसे विदा लेना चाहूंगा क्योंकि आप जानते हैं, की , बिहार प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए वहां एक रैली में भाग लेना मेरे लिए अत्यंत आवश्यक है ,क्योंकि वहां जनता मेरा इंतजार करेगी ,और आपको क्या समझाना है ?,जनता ही तो जनार्दन है, इसलिए मैं अब आपसे अनुमति मांगता हूं। कृपया अभी आप यहीं पर रुकें । ,सत्यनारायण भगवान की कथा होने वाली है। आप श्रद्धा पूर्वक कथा का श्रवण करें और प्रसाद लेकर ही यहां से प्रस्थान करें। प्रसाद ग्रहण के उपरांत आप जल ग्रहण भी कर सकते हैं जिसके लिए निशुल्क जल परियोजना द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। हाथ मुंह धोने के लिए भी जल पीछे ड्रम में भर दिया गया है जिसके ऊपर प्लास्टिक के मग रखे हुए हैं । यह जल भी निशुल्क है कृपया इसका प्रयोग करें। अब मैं आप और सत्यनारायण भगवान से क्षमा मांगते हुए प्रस्थान करता हूं।
इसके पश्चात माननीय प्रधानमंत्री जी मंच से उतरकर हेलीकॉप्टर में जा बैठे। गर्द का एक गुबार उठा और माननीय प्रधानमंत्री जी अंतर -ध्यान हो गए । फिर एक-एक कर अन्य गंण मान्य भी अंतर ध्यान होते गए। भक्त जन राम धुन गाते हुए, वहां अंधेरा होने तक बैठे रहे।
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